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BSH NEWS श्रीलंका की सेना की दोटूक, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में नहीं देगी दखल

శ్రీలంకలో అభూతపూర్వ ఆర్థిక సంకటాలు కారణమయ్యాయి. (ఫైల్ ఫోటో)

कोलंबो:

BSH NEWS श्रीलंका की सेना की दोटूक, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में नहीं देगी दखल BSH NEWS श्रीलंका की सेना की दोटूक, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में नहीं देगी दखल

దేశంలో ఆర్థిక సంకేతం బీచ్ జారి సర్కార్-విరోధి శాంతిపూర్ణ ప్రదర్శన. श्हेलंका में राष्ट्रपति सचिवालय के पास सप्ताह भर से जारी विरोध-प्रदर्शन को दबाने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार द्वारा सेना के इस्तेमाल को लेकर सोशल मीडिया में चल रही अटकलों का उल्लेख करते हुए श्रीलंकाई सेना ने कहा है कि वह लगातार आठवें दिन जारी सरकार-विरोधी ప్రదర్శనలు కో దబానే హింసా కా సహారా లేదు.

बयान में यह स्पष्ट किया गया है, ” सेना केवल तभी हस्तक्षेप करेगी, जब पुलिस ‘सहायता के लिए’ हमें बुलाएगी. ” बयान में कहा गया, ” पिछले कुछ दिन इस बात के गवाह रहे हैं कि सैनिकों ने न तो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों या संगठनों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हस्तक्षेप किया है, न ही उस संगठन के अनुशासित सदस्यों के रूप में सरकार के हितों के खिलाफ काम किया है, जिसने अमूल्य बलिदान देकर इस देश में शांति स्थापित की है. ” सेना ने उन अटकलों को भी ‘पूर्ण रूप से फर्जी, मनगढंत और निराधार’ करार देते हुए खारिज कर दिया कि उसे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करने और उनसे निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

बयान में कहा गया है, ” सेना दृढ़ता और स्पष्ट रूप से उन खतरनाक चालों का खंडन करती है और उन प्रयासों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करती है, जो इस संगठन को बदनाम करने के लिए हो रहे हैं. साथ ही सेना देश के सतर्क नागरिक और समान मानसिकता वाले नागरिकों से सैनिकों पर पूरा विश्वास बनाये रखने का आग्रह करती है, जैसा उन्होंने पहले भी बनाये रखा है, क्योंकि वर्तमान सेवारत सैनिक अधिक प्रशिक्षित, पेशेवर तरीके से योग्य और किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना కరనే లియే ఉపయుక్తంగా ఉంది. इस परिदृश्य में, हम तभी हस्तक्षेप करेंगे, जब पुलिस हमें अपनी सहायता के लिए बुलाती है. ”

श्रीलंका 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से अब तक के सबसे बड़े ఆర్థిక సంకట్ సామాన కర్రహై, జిసకే వ్యతిరేకత గురించిన లాగ్ సర్కార్‌కి సంబంధించిన సమాచారం. सेना का यह असामान्य बयान पूर्व सैन्य कमांडर सरत फोंसेका की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सैनिकों को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के गैर-कानूनी आदेश का पालन नहीं करना चाहिए.

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