जब हम AI, कृत्रिम बुद्धिमत्ता वह तकनीक है जो कंप्यूटर को इंसान जैसी सीखने और निर्णय लेने की क्षमता देती है. भी कहा जाता है कृत्रिम बुद्धिमत्ता, तो यह सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि कई उप-तकनीकों का समूह है। AI में मशीन लर्निंग, डेटा से पैटर्न सीख कर भविष्यवाणी करने की विधि एक अहम हिस्सा है, जबकि डीप लर्निंग, गहरी न्यूरल नेटवर्क संरचना जो जटिल डेटा को समझती है इसे और भी ताकतवर बनाती है। इसी तरह नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, भाषा के माध्यम से कंप्यूटर को समझाने और जवाब देने की प्रक्रिया और रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, दोहराव वाले कामों को स्वचालित करने वाला टूल AI को विभिन्न उद्योगों में लागू करने में मदद करते हैं।
AI समेटता है मशीन लर्निंग को, मशीन लर्निंग आवश्यक करता है बड़े डेटा सेट को, और बड़े डेटा सेट प्रेरित करता है डीप लर्निंग मॉडल को। इसके अलावा, डीप लर्निंग सक्षम बनाता है इमेज पहचान और आवाज़ पहचान को, जबकि NLP सुविधा देता है चैटबॉट और स्वचालित अनुवाद को। RPA सहयोग करता है AI के साथ, जिससे रूटीन कार्य तेज़ और त्रुटि‑रहित हो जाते हैं। इन सभी उप‑तकनीकों का आपस में जुड़ना ही AI को व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी सेवाओं में क्रांतिकारी बनाता है।
नीचे आप देखेंगे कि हमारे संग्रह में कौन‑कौन से लेख हैं – कुछ में AI के बुनियादी सिद्धांत की बात है, कुछ में मशीन लर्निंग से लेकर RPA तक की प्रैक्टिकल गाइड हैं, और कुछ में AI के सामाजिक, आर्थिक प्रभावों पर चर्चा है। इन लेखों को पढ़कर आप AI की तकनीकी समझ से लेकर उसके वास्तविक उपयोग तक का पूरा परिप्रेक्ष्य प्राप्त करेंगे। अब आगे बढ़िए और इस टैग के अंतर्गत मौजूद विभिन्न दृष्टिकोणों को एक्सप्लोर करें।