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राहुल न तो ममता और न टीएमसी टीएमसी … क्‍या 100 साल पुरानी पार्टी की नाव पार सकेंगे K పికె?

సంకలనం

.कॉम | నవీకరించబడింది: 21 జూలై 2021, 05:11:00 PM

कांग्रेस ने एक बार पहले यूपी प्रशांत क्‍या पार्टी की डूबती नाव पाएंगे?

పంజాబ్ వార్తలు: मंत्री से, फिर नवजोत किया ‘शक्ति प्रदर्शन’

नई दिल्‍ली
क्‍या चुनावी रणनीतिकार प्रशांत डूबती कांग्रेस की पार सकेंगे? इसे लेकर वरिष्ठ घोष ने सहयोगी ‘टाइम्‍स इंडिया’ एक दिलचस्‍प उन्‍होंने की नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस आलाकमान के यक्ष यक्ष यक्ष यक्ष यक्ष यक्ष यक्ष यक्ष यक्ष यक्ष गांधी का समय तो शायद यह मुमकिन नहीं राज्‍य अपनी ताकत को इस तरह में रहने की शर्त उसके साथ वफादारी होती है कि उस इंदिरा ही पार्टी का चेहरा उन्‍हीं कांग्रेस मिलते थे लेख में गया है कि अब स्थिति 1970 जैसी नहीं है कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्‍व कमजोर हो गया आज सिद्धू जैसे पार्टी बहुत लेट यमंत्री‍यमंत्री यमंत्री यमंत्री हिमाकत का उन्‍हें ‘पुरस्‍कार’ भी मिल जाता में जो, वह न तो है है, न यही एक के बाद से रही रही 100 साल पुरानी कारण 44 साल के चुनावी कारण

गांधी परिवार के की
गांधी परिवार के साथ किशोर , लेख में सवाल उठाया गया है कि या‍या पाएंगे पाएंगे? में दो से कांग्रेस वर्किंग कमेटी में कोई में चुनाव हुए हैं इसकी कमान एक परिवार हाथ में है

सिद्धू की नियुक्ति … कइयों को, जानें सोनिया फैसले क् या‍या मतलब?

लेख के, कांग्रेस लगातार दो आम के दबदबे के वह उभरने में नाकाम रही गायब हो गया स्‍थानीय की की है एक लोकतंत्र को विपक्ष की जरूरत होती है , कांग्रेस के रिवाइवल के बिना भारत विपक्ष

तमाम दलों पीके
में प्रशांत के राजनीतिक कौशल गया है , साथ-मौजूदा कांग्रेस और उसके आलाकमान , कहा गया कि किशोर ने तकरीबन राजनीतिक 2014 में नरेंद्र मोदी कैंपेन लेकर लेकर 2015 में बिहार 2017 2017, 2017 में 2019 2019, 2019 में 21 और 20 2021 में ममता तक को उन्‍होंने

इनमें से ज्‍यादातर स्‍थानीय काडर की भी बड़ी भूमिका उदाहरण के लिए जनता जोड़ने के आंध्र बनर्जी पहले से बंगाल में बेहद लोकप्रिय रही किशोर की सेवाएं पहले ही वह दो

क्या बदल रही है? पंजाब में सिद्धू और तेलंगाना में, राहुल-परंपरा

यूपी चुनाव में रहे प्रशांत
घोष ने लिखा कि तो संकट ने दिखाया कि कांग्रेस में हर स्‍तर व‍व अलावा राहुल की ममता जैसी करिश्‍माई नहीं यूपी और बिहार में पार्टी का वजूद करीब म‍म सच तो यह है 2017 में यूपी चुनाव साबित राहुल और अखिलेश लिए उनका कैंपेन ‘यूपी के लड़के’ बुरी तरह

लेख में कहा गया है से 250 ज्‍यादा हैं जहां पार्टी की जिला और भी कई हैं जो कांग्रेस को दूर अंत में लेख दिल् ली‍ली केंद्रित ‘हाई कमांड’ मॉडल बिना राजनीतिक विकल्‍प सरकार के खिलाफ ।। यादा‍यादा

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వెబ్ శీర్షిక: రాహుల్ మమతా లేదా కాంగ్రెస్ టిఎంసి కాదు … 100 సంవత్సరాల వయస్సు గల పార్టీని పికె తిరిగి పొందగలరా?
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