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लालू प्रसाद से शरद यादव ने फिर मिलाया हाथ, राजद से ‘रिश्ता पक्का’ करने की तारीख 20 मार्च तय

शरद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तकरार के बाद जनता दल (यूनाइटेड) से अलग हो गए थे। इसके बाद शरद यादव ने 2018 में नई पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल के नाम से बनाई थी। अब शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का होली के बाद राजद में विलय कर देंगे।

LJD Merger With RJD: लालू प्रसाद से शरद यादव ने फिर मिलाया हाथ, राजद से रिश्ता पक्का करने की तारीख 20 मार्च तय
LJD Merger With RJD: लालू प्रसाद से शरद यादव ने फिर मिलाया हाथ, राजद से ‘रिश्ता पक्का’ करने की तारीख 20 मार्च तय
नई दिल्ली/पटना: शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय 20 मार्च को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ करेंगे। जदयू से अलग होकर शरद यादव ने 2018 में अपनी पार्टी का गठन किया था। जानकारी के अनुसार, वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है ताकि बिखरे हुए जनता परिवार को फिर एकजुट किया जा सके। दरअसल अभी यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि, विलय होने के बाद राजद उन्हें राज्यसभा भेज सकता है। शरद यादव को हाई कोर्ट ने उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है।

शरद यादव को राज्यसभा भेज सकती है राजद

बिहार में जुलाई महीने में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होंगी, दो सीटें बीजेपी, एक सीट जदयू के पास जाएगी। दो सीटें आरजेडी के पास आएगी और शरद यादव के राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई माह 2022 में ही समाप्त हो रहा है। ऐसे में राजद उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। पिछले साल अगस्त माह में लालू यादव ने नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। हालांकि मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा था कि, शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद न रहने से अब संसद सूनी हो गई है।

20 मार्च को राजद में होगा लोकतांत्रिक जनता दल का विलय: शरद यादव

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने बुधवार को कहा कि पार्टी का विलय आगामी 20 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश और आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुए जनता परिवार को एक साथ लाने के मेरे नियमित प्रयासों की पहल के रूप में यह कदम जरूरी हो गया है।

1989 में अकेले जनता दल के पास थीं लोकसभा की 143 सीटें: शरद यादव

शरद यादव के मुताबिक, एक समय था जब वर्ष 1989 में अकेले जनता दल के पास लोकसभा में 143 सीटें थीं। जनता दल परिवार ने अतीत में विशेष रूप से मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद विभिन्न सरकारों के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद, देश में वंचित वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में काफी उत्थान देखने को मिला है।

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Web Title : sharad yadav will merge his party ljd with lalu prasad yadav rjd on 20 march

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