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यूपी में विधानसभा के बाद अब विधान परिषद में होगी बहुमत की लड़ाई, 15 से होंगे एमएलसी के चुनाव

| नवभारत टाइम्स | Updated: Mar 14, 2022, 7:23 AM

यूपी के चुनावी नतीजे आने के बाद अब उच्च सदन यानी विधान परिषद चुनाव के लिए सियासी दलों ने लामबंदी शुरू कर दी है। 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनावों के लिए 15 मार्च से नामांकन शुरू होगा।

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद अब विधान परिषद में बहुमत की लड़ाई तेज होगी। चुनावी नतीजे आने के बाद अब उच्च सदन यानी विधान परिषद चुनाव के लिए सियासी दलों ने लामबंदी शुरू कर दी है। 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनावों के लिए 15 मार्च से नामांकन शुरू होगा। पहले चरण के लिए नामांकन 19 मार्च तक किए जा सकेंगे। 21 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 23 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे, जिसने नामांकन कर लिया है। वह नामांकन मान्य होगा। दूसरे चरण में छह सीटों के लिए 15 मार्च से 22 मार्च तक नामांकन किया जा सकेगा। 23 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 25 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। सभी सीटों पर एक साथ 9 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे और 12 अप्रैल को इनकी गिनती होगी। मौजूदा समय में विधान परिषद में सपा का बहुमत है। परिषद में सपा की 48 सीटें हैं, जबकि भाजपा की 36 सीटें हैं। हालांकि, सपा के आठ एमएलसी अब भाजपा में जा चुके हैं। वहीं, बसपा के एक एमएलसी भी भाजपा में आए हैं।



जिसकी सत्ता, उच्च सदन में दिखता है उसी का दम

उच्च सदन में किसका दम रहेगा, यह निचले सदन यानी विधानसभा में पार्टियों के दम खम पर भी निर्भर करता है। आमतौर पर यह चुनाव सत्ता का ही माना जाता है। अभी तक के रेकॉर्ड तो यही कहानी बयां करते हैं। मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में 2004 में हुए चुनाव में सपा 36 में 24 सीटों पर काबिज हुई थी। बसपा के पास एक भी सीट नहीं थी। 2010 में जब इन सीटों पर चुनाव हुए तो बसपा सत्ता में थी। उसने 36 में 34 सीटें जीतकर लगभग क्लीन स्वीप कर लिया था। इसके बाद फरवरी-मार्च 2016 में अखिलेश यादव के सीएम रहते चुनाव हुए तो सपा 31 सीटें जीत गई। इसमें 8 सीटों पर निर्विरोध जीत भी शामिल थी जबकि पहले सपा केवल एक सीट जीती थी।

चुने जाएंगे 36 एमएलसी

प्रदेश में स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद की 35 सीटें हैं। इसमें मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से दो प्रतिनिधि चुने जाते हैं इसलिए 35 सीटों पर 36 सदस्यों का चयन होता है। अमूमन यह चुनाव विधानसभा के पहले या बाद में होते रहे हैं। इस बार 7 मार्च को कार्यकाल खत्म होने के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा के बीच में ही इसकी घोषणा कर दी थी। बाद में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर परिषद के चुनावों को टाल दिया गया। स्थानीय निकाय की सीटों पर सांसद, विधायक, नगरीय निकायों, कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान वोटर होते हैं।

भाजपा ने नामों पर लगाई मुहर

सूत्रों का कहना है कि शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में भाजपा संगठन ने स्थानीय निकाय के एमएलसी के नाम तय कर लिए हैं। इनमें सपा से आए कुछ एमएलसी को ही टिकट दिया जाएगा, बाकी भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम पर मुहर लगाई गई है। सोमवार या मंगलवार तक इनकी सूची जारी कर दी जाएगी।

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Web Title : uttar pradesh assembly election completed now mlc election starts

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