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चार धाम परियोजना: HPC के अध्यक्ष बने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज सीकरी, जानें कितना अहम ये प्रोजेक्ट

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Edited by अशोक उपाध्याय | नवभारत टाइम्स | Updated: Mar 11, 2022, 5:10 PM

प्रोफेसर रवि चोपड़ा ने जनवरी में ही पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी तो सुप्रीम कोर्ट ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और अटॉर्नी जनरल के सुझाव को मंजूर कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस सीकरी को एचपीसी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।

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नई दिल्ली: हिमालयी घाटी में चार धार परियोजना (Char Dham Project) के प्रभाव पर विचार करने वाली हाई पावर कमेटी का चेयरपर्सन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस ए.के सीकरी को नियुक्त किया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने एचपीसी के अध्यक्ष पद से प्रोफेसर रवि चोपड़ा के इस्तीफे को मंजूर कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने बताया कि पूर्व जस्टिस सीकरी को चारधाम परियोजना से जुड़ी पर्यावरण संंबधित चिंताओं व अन्य मुद्दों पर विचार के लिए बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी का अध्यक्ष पहले की नियुक्त कर चुकी है। ऐसे में यह सही होगा कि उन्हें हाई पावर कमिटी के अध्यक्ष पद पर भी नियुक्त किया जाए। चूंकि रवि चोपड़ा ने जनवरी में ही पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी तो सुप्रीम कोर्ट ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और अटॉर्नी जनरल के सुझाव को मंजूर कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस सीकरी को एचपीसी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।



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गौरतलब है कि 14 दिसंबर 2021 को उत्तराखंड के चार धाम हाईवे प्रोजेक्ट के तहत भारत चीन सीमा के पास बन रही सड़कों को डबल करने की सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा और मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सड़क चौड़ी करने के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री की गुहार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने रक्षा मंत्रालय की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया था जिसमें चार धाम हाइवे प्रोजेक्ट के तीन सामरिक महत्व वाले सड़कों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर चौड़ाई डबल करने की अनुमति मांगी थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा पर मौजूदा स्थिति को मद्देनजर तीन सामरिक महत्व वाले सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की मांग वाली डिफेंस मिनिस्ट्री की याचिका को स्वीकार कर लिया था। 8 सितंबर 2020 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बदलाव के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर से बढ़ाकर 10 मीटर तक करने की इजाजत मांगी थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि पर्यावरण की चिंता संबंधित हाई पावर कमिटी की सिफारिशों को सड़क परिवहन मंत्रालय और डिफेंस मिनिस्ट्री अनुपालन करे। साथ ही शीर्ष अदालत ने इस प्रोजेक्ट को मॉनिटर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस एके सिकरी की अगुवाई में एक कमेटी का भी गठन किया था। उत्तराखंड के चार धाम प्रोजेक्ट 12 हजार करोड़ का है और इससे यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जोड़े जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को देखने के लिए एक हाई पावर कमिटी का गठन किया गया था। शीर्ष अदालत ने हाई पावर कमिटी की सिफारिश के अनुपालन को कहा गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम हाई पावर कमिटी के पर्यावरण को लेकर जताई गई चिंता से भी अवगत हैं। हम निर्देश देते हैं कि सड़क परिवार मंत्रालय और डिफेंस मंत्रालय हाई पावर कमिटी के पर्यावरण संबंधित सिफारिश का अनुपालन करे। हाई पावर कमेटी के सिफारिश के अनुपालन सुनिश्चित हों इसके लिए मॉनिटरिंग कमिटी के गठन का आदेश दिया गया था।

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Web Title : char dham project retired supreme court justice ak sikri appointed as the chairman of the high power committee

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