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बच्‍चों में कोरोना वैक्‍सीन का असर कितने समय तक? जानिए क्‍या कहती है नई स्‍टडी

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नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Mar 2, 2022, 7:12 PM

कोरोना की वैक्‍सीन पर अध्‍ययन जारी हैं। देश में 15-18 साल के किशोरों का वैक्‍सीनेशन हो रहा है। अब बच्‍चों के वैक्‍सीनेशन की भी तैयारी है। इस बीच एक नई स्‍टडी आई है। इसमें कहा गया है कि 5-11 साल के बच्‍चों में फाइजर वैक्‍सीन की एफिकेसी में एक महीने में गिरावट आई है।

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Coronavirus vaccine: देश-दुनिया में कोरोना के मामले अब भी आ रहे हैं। कोरोना से बचाव का वैक्‍सीनेशन (Covid-19 Vaccination) कारगर हथियार है। भारत में बड़ों के अलावा 15-18 साल के किशोरों का वैक्‍सीनेशन शुरू हो चुका है। बच्‍चों के वैक्‍सीनेशन की भी बात हो रही है। हालांकि, दुन‍िया में बच्‍चों पर हुए वैक्‍सीनेशन (Vaccination of Children) के अध्‍ययन बहुत उत्‍साहित करने वाले नहीं हैं। स्‍टडी में पाया गया है कि हाल में ओमीक्रोन (Omicron) की लहर में 5-11 साल के जिन बच्‍चों को कोरोना की वैक्‍सीन दी गई, उसने जल्‍दी ही अपना असर खोना शुरू कर दिया। इन बच्‍चों को फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई कोविड-19 वैक्‍सीन की दो डोज दी गई थीं। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्‍या बच्‍चों को अलग डोज की जरूरत होगी। भारत में बुधवार को कोरोना के 7,554 नए केस सामने आए। इस दौरान 223 लोगों की मौत हुई। देश में कोरोना वैक्‍सीन की 1.77 अरब डोज दी जा चुकी हैं। इस बीच एक स्‍टडी सामने आई है। यह अध्‍ययन न्‍यूयॉर्क स्‍टेट के शोधकर्ताओं ने किया है। इसमें पाया गया है कि बच्‍चों में वैक्‍सीन की एफिकेसी में तेज गिरावट आ रही है।



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घट रही है टीके की सुरक्षा

अध्ययन के अनुसार, उन बच्चों में संक्रमण के खिलाफ टीके की एफिकेसी जनवरी के अंत में 12 फीसदी तक गिर गई, जो दिसंबर के मध्य में 68 फीसदी थी। इसकी तुलना उन बच्‍चों से की गई जिनका वैक्‍सीनेशन नहीं हुआ था। यह बात 5-11 साल के बच्‍चों के वर्ग में पाई गई।

12 से 17 साल की आयु के किशोरों में जनवरी के अंत में संक्रमण के खिलाफ टीके की सुरक्षा गिरकर 51 फीसदी हो गई, जो दिसंबर के मध्य में 66 फीसदी थी।

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आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने बच्‍चों को अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े इसमें वैक्‍सीन 48 फीसदी तक कारगर थी। वहीं, किशोरों में यह 73 फीसदी तक असरदार थी। MedRxiv में पोस्‍ट हुई स्‍टडी में 12-17 साल के ऐसे 852,384 किशोरों को लिया गया जिन्‍हें वैक्‍सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं। इनमें 5-11 साल के 365,502 बच्‍चे थे। दिसंबर 2021 और जनवरी 2022 में यह अध्‍ययन किया गया।

क्‍या है इसका मतलब?

शोधकर्ताओं ने कहा कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि बच्‍चों को अल्‍टरनेटिव वैक्‍सीन डोज की जरूरत है। साथ ही इन्‍फेक्‍शन को फैलने और बढ़ने से रोकने के लिए मास्‍क लगाए जाने जैसे सुरक्षा उपाय भी करते रहना चाहिए। फाइजर ने कहा है कि वह बच्‍चों को तीसरी डोज देने के बारे में अध्‍ययन कर रहा है। स्‍टडी में कहा गया है कि बड़ों के मामले में जिन्‍हें वैक्‍सीन की तीन डोज दी गई, उन्‍हें कोरोना के खिलाफ अधिक प्रोटेक्‍शन मिला।

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Web Title : coronavirus vaccine how long does the effect of vaccine last in children know what the new study says

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