ईडी के वकील ने अदालत को बताया कि बाद में हसीना पारकर ने 55 लाख रुपए की रकम के बदले संपत्ति के अधिकार नवाब मलिक को ट्रांसफर कर दिए थे। जबकि प्रॉपर्टी तकरीबन साढ़े तीन करोड़ रुपए के आसपास की थी। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने यह मुद्दा उठाया था।
Nawab Malik Arrested : नवाब मलिक को ED ने किया गिरफ्तार, दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट
हाइलाइट्स
- ईडी ने अदालत में नवाब मलिक की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की
- मलिक के वकील ने अदालत में कहा कि उनका मनी लांड्रिंग से कुछ लेना देना नहीं है
- नवाब मलिक ने 55 लाख रुपए यह जमीन खरीदी थी
- बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने यह मुद्दा उठाया था
हसीना की जमीन मलिक ने खरीदी!
ईडी के वकील अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि इसी साल 3 फरवरी 2022 को दाऊद इब्राहिम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। दाऊद कई आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में शामिल है। कई जगहों पर अवैध रूप से दाऊद गैंग ने प्रॉपर्टी पर कब्जा किया है। जिनके जरिए टेरर एक्टिविटी के लिए फंड इकट्ठा किया जाता है। उन्होंने कहा कि दाऊद की सारी अवैध प्रॉपर्टीज और अवैध धंधों को हसीना पारकर कंट्रोल करती थी। फिलहाल उसका निधन हो चुका है। हसीना ने कुर्ला स्थित गोवा वाला कंपाउंड में भी प्रॉपर्टी पर कब्जा किया था। मुनीरा और मरियम नाम की दो महिलाएं इस प्रॉपर्टी की असली मालिक हैं। यह उनकी पुश्तैनी जमीन थी। जिनका मालिकाना हक भी इन्हीं दोनों के पास था। इन दोनों के स्टेटमेंट भी ईडी ने रिकॉर्ड किए हैं।
जानकारी के बिना बेच दी जमीन
ईडी के मुताबिक मुनीरा और उसकी बहन ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी को बेचने का अधिकार किसी को नहीं दिया था। हालांकि सरदार वली शाह खान उनकी संपत्ति का किराया वसूलते थे। मीडिया के जरिए उन्हें पता चला कि उनकी प्रॉपर्टी को बेच दिया गया है। मुनीरा ने ईडी को बताया कि उन्हें अपनी प्रॉपर्टी के लिए कोई भी पैसा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि इस बात के कोई डॉक्यूमेंट भी नहीं है कि संपत्ति के वास्तविक मालिकों को ₹1 का भी भुगतान किया गया हो मुनीरा ने आरोप लगाया कि सलीम पटेल ने अवैध रूप से उनकी प्रॉपर्टी को बेच दिया। मुनीरा ने बताया कि हसीना पारकर के सहयोगी सलीम पटेल को प्रॉपर्टी पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई थी लेकिन उन्होंने जमीन को ही बेच दिया। इस मामले में दूसरा आरोपी सरदार शाह वली शाह भी आरोपी है।
मामले के पीड़ित हैं मलिक
नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने अदालत को बताया कि वह खुद इस मामले में एक पीड़ित है। मुनीरा की शिकायत में नवाब मलिक का कहीं भी जिक्र नहीं है इसके अलावा ईडी ने नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज कोई एफआईआर भी अदालत में पेश नहीं की है। देसाई ने अदालत में यह भी सवाल उठाया कि आखिर इतने सालों तक मुनीरा ने यह मामला क्यों नहीं उठाया। जब उन्हें उनकी जमीन का किराया नहीं मिल रहा था। अचानक 2022 में उन्होंने कैसे यह मुद्दा उठाया। इस मामले में इकबाल कासकर को गिरफ्तार नहीं किया गया फिर नवाब मलिक को क्यों गिरफ्तार किया गया।
नवाब मलिक के कोई केस नहीं
अमित देसाई ने अदालत को बताया कि मलिक के घर ईडी को कुछ भी नहीं मिला है। उनके मुवक्किल का दाऊद गैंग से कोई संबंध नहीं हैं। 25 साल के राजनीतिक जीवन में उनपर कोई आरोप नहीं लगा है। जनता को पता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है। उनके ऊपर टेरर फंडिंग का आरोप भी निराधार है। रिमांड आर्डर में भी कहीं पर पीएमएलए कलम का जिक्र नहीं हैं।उन्होंने कहा कि मलिक एक जिम्मेदार मंत्री हैं। महज तीन से चार घंटे में किसी को टेरर फंडिंग से कैसे जोड़ा जा सकता है।
नवाब मलिक
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Web Title : with out any summon i have been taken to ed office said nawab malik
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